●गुरुवार की रात साहोडीह गांव में 108 लोगों का लिया सैंपल
●प्रधान और सहयोगी संस्थाओं ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
नवलजी, बलिया (उत्तरप्रदेश)
28 अप्रिल, 2023:
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत स्वास्थ्य टीम ने गुरुवार को बेरूआरबाड़ी ब्लॉक के साहोडीह ग्राम में हुये एक दिवसीय नाइट ब्लड सर्वे में 108 लोगों का सैम्पल लिया। इस कार्य मे सहयोगी संस्थाओं और साहोडीह ग्राम प्रधान पुनीता वर्मा ने लोगों को सैंपल देने के लिए एकत्रित करने मे विशेष योगदान दिया ।
जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे के लिए टीम बनाई गई थी, जो रात में लोगों के ब्लड का सैंपल लेकर फाइलेरिया संक्रमण का पता लगाने का कार्य करती है, क्योंकि इसके परजीवी यानि माइक्रो फाइलेरिया रात में ही सक्रिय होते हैं। उन्होंने बताया कि इसमें 20 साल से अधिक आयु की महिलाओं एव पुरुषों का सैंपल लिया गया है । सैंपल लेकर रक्त पट्टिका बनाईं गईंहैं । जिनसे परजीवी होने या न होने की पुष्टि की जाएगी ।इस सर्वे का उद्देश्य फाइलेरिया रोगी मिलने पर उसका तत्काल उपचार शुरू कर जिले को फाइलेरिया के प्रसार को रोकना है। उन्होंने बताया कि इस हेतु ग्राम प्रधान, और आशा कार्यकर्ताओं द्वारा नाइट ब्लड सर्वे कराने के लिए जांच स्थान पर आने के लिए प्रचार-प्रसार किया गया था। इसी क्रम मे 108 लोगों ने अपनी जांच कराई आशा कार्यकर्ता मीरा देवी, प्रियंका देवी और सरोज देवी ने लोगों के पंजीकरण में सहयोग किया।
क्या है फाइलेरिया – जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है जिसे सामान्यतः हाथीपाँव के नाम से भी जाना जाता है। इसके प्रभाव से पैरों व हाथों में सूजन, पुरुषों में हाइड्रोसील (अंडकोष में सूजन) और महिलाओं में ब्रेस्ट में सूजन की समस्या आती है।
लक्षण : –
- कई दिन तक रुक-रुक कर बुखार आना।
- शरीर में दर्द एवं लिम्फ नोड (लसिका ग्रंथियों) में सूजन।
- हाथ, पैरों में सूजन (हाथी पांव) एवं पुरुषों के अंडकोष में सूजन (हाइड्रोसील)।
- महिलाओं के ब्रेस्ट में सूजन, पहले दिन में पैरों में सूजन रहती है और रात में आराम करने पर कम हो जाती है।
- संक्रमित व्यक्ति में बीमारी के लक्षण पांच से 15 साल तक में दिख सकते हैं।
बचाव: – - लक्षण लगने पर समय से जांच कराकर इलाज शुरू कर दें।
- फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन पांच वर्ष तक हर साल एक बार कर के बचा जा सकता है।
- फाइलेरिया के मच्छर गंदी जगह पर पनपते हैं। इसलिए मच्छरों से बचाव करें।
- साफ़-सफाई रखकर मच्छर से बचने के लिए फुल आस्तीन के कपड़े पहनें।
- रात में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में जनपद में फाइलेरिया के 3730 मरीज हैं। इसमें हाइड्रोसील के 780 और लिम्फोडीमा के 2950 मरीज हैं। हाइड्रोसील के 780 मरीजों में से 113 मरीजों का सफल ऑपरेशन हो चुका है। 2950 लिम्फोडीमा के मरीजों में से 1574 मरीजों को एमएमडीपी किट वितरित की जा चुकी है।
इस नाइट ब्लड सर्वे में फाइलेरिया इंस्पेक्टर ओम प्रकाश पाण्डेय, हरिराम यादव वरिष्ठ लैब टेक्नीशियन, पाथ संस्था के जिला समन्वयक नितेश कुमार, सीफार संस्था के जिला समन्वयक आशीष पांडेय, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर शिवशंकरचौहान आशा कार्यकर्ता मीरा देवी, प्रियंका देवी, सरोज देवी ने सहयोग किया #bharatmirror #bharatmirror21 #news #ballia #uttarpradesh #ahmedabad