नवलजी, बलिया (उत्तरप्रदेश)
08 अक्टूबर, 2022:
-वर्तमान में 6 ब्लॉकों में हो रहा है छिड़काव
-पन्द्रह दिन से अधिक बुख़ार, हो सकता है कालाजार
बलिया, 07 अक्टूबर 2022
कालाजार एक जानलेवा रोग है जो बालू मक्खी के काटने से फैलता है और अक्सर यह ग्रामीण क्षेत्रों में मकान के दरारों में पायी जाती है। इससे बचाव के लिए घर के आसपास साफ़-सफाई का ध्यान रखकर एवं मच्छरदानी का प्रयोग कर इस रोग से बचा जा सकता है। यह कहना है जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव का।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जनपद के 11 ब्लॉक कालाजार से प्रभावित हैं। 6 सितंबर से दो ब्लॉकों हनुमानगंज और बांसडीह में कालाजार रोधी सिंथेटिक पायराथ्राईड आईआरएस का छिड़काव हो चुका है। वर्तमान में छह ब्लॉक मुरली छपरा, मनियर, रेवती, नरही, कोटवा, चिलकहर में आईआरएस का छिड़काव किया जा रहा है। इससे मिट्टी के घरों में पनपने वाली सफेद मक्खी (बालू मक्खी) को खत्म किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जनपद में जनवरी 2022 से अब तक कालाजार के 13 रोगी पाए गये हैं। जिसमें चार वीएल ( बुखार वाला कालाजार के) और नौ पीकेडीएल (चमड़े वाला कालाजार) के मरीज हैं। उन्होंने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को 15 दिन से अधिक बुखार आना, भूख नहीं लगना, खून की कमी, वजन घटना, त्वचा का रंग काला होना आदि कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। इसका सबसे मुख्य लक्षण त्वचा पर धब्बा बनना है। यदि किसी व्यक्ति में यह लक्षण पाये जाएँ तो तत्काल अपने नजदीक के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला चिकित्सालय पर निःशुल्क जांच कराकर पूरा इलाज कराएं। यह बीमारी एक बार ठीक होने पर लापरवाही न करें क्योंकि यह बीमारी एक बार ठीक होने पर दोबारा से शुरू हो सकती है। इसलिए चिकित्सक की सलाह बेहद जरूरी है।
रोकथाम –
• अपने घर को साफ रखना चाहिए। दीवार एवं आसपास के कोनों की नियमित और पूरी सफाई आवश्यक है।
• घर में प्रकाश आना चाहिए।
• रोगी एवं स्वस्थ व्यक्ति की कड़ी (बालू मक्खी) को नष्ट करने के लिए छिड़काव जमीन से छह फीट की ऊंचाई तक कराएं तथा तीन महीने तक घरों में में किसी प्रकार की सफेदी और पुताई न कराएं।
• कमरे के जमीन से दीवार की कुछ ऊंचाई तक पक्की दीवार की चुनाई कराएं।
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