नवलजी, बलिया, 10 मई 2022
जिले में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत संक्रामक रोग कालाजार को दूर भगाने के लिए कालाजार रोधी सिंथेटिक पायराथ्राईड का छिड़काव 10 मार्च से किया जा रहा है। इससे बचाव के लिए घर के आस-पास साफ़-सफाई का ध्यान रखकर एवं मच्छरदानी का प्रयोग कर इस रोग से बचा जा सकता है। यह कहना है जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव का।
उन्होने बताया कि इस कार्यकम के तहत कालाजार को दूर भगाने के लिए ग्रामीण इलाकों के मिट्टी के घरों में पनपने वाली सफेद मक्खी जिसे बालू मक्खी के नाम से भी जाना जाता है, को खत्म करने के लिए कालाजार प्रभावित ब्लॉकों में आईआरएस का छिड़काव कराया जा रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव, वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक ताज मोहम्मद एवं वीबी डी कंसलटेंट रागिनी तिवारी ने कोटवा ब्लॉक के अंतर्गत श्रीनगर गांव जाकर आईआरएस छिड़काव का हाल देखा। उन्होंने बताया कि जनवरी 2022 से अब तक 9 रोगी पाए गये हैं,
जिसमें 2 वीएल ( बुखार वाला कालाजार के) और 7 पीकेडीएल (चमडी वाला कालाजार) के मरीज हैं। कालाजार एक जानलेवा रोग है जो कि बालू मक्खी के काटने से फैलता है और अक्सर यह ग्रामीण क्षेत्रों में मकान की दरारों में पायी जाती है|
उन्होने बताया कि किसी व्यक्ति को 15 दिन से अधिक बुखार आना, भूख नहीं लगना, रोगी में खून की कमी, रोगी का वजन घटना, रोगी की त्वचा का रंग काला होना आदि कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वहीं इसका सबसे मुख्य लक्षण त्वचा पर धब्बा बनना है। यदि किसी व्यक्ति में उपयुक्त लक्षण पाया गया हो तो तत्काल अपने नजदीक के प्रा०स्वा० केन्द्र पर जांच करायें तथा जिला चिकित्सालय पर इसका इलाज नि:शुल्क किया जा रहा है। छिड़काव का कार्य जनपद के 11 ब्लॉकों के 44 गावों में किया जाना है। वर्तमान में 8 ब्लॉकों में छिड़काव का कार्य सम्पन्न हो चुका है।
उन्होंने बताया कि यह बीमारी एक बार ठीक होने पर लापरवाही न करें, क्योंकि यह बीमारी एक बार ठीक होने के बाद दोबारा से शुरू हो सकती है इसलिए चिकित्सक की सलाह बेहद जरूरी है। और सतर्क रहने की जरूरत है। बुखार होने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और चिकित्सकों की सलाह के अनुसार ही अपना उपचार करें।
क्या करें:
1- घर के आस-पास साफ सफाई का ध्यान रखें।
2- मच्छरदानी का नियमित प्रयोग करें।
3- पूरी बांह वाली कमीज और पैंट पहने
4- दरवाजे व खिड़कियों पर जाली लगवाएं
क्या न करें:-
बीमारी एक बार ठीक होने पर लापरवाही ना करें, क्योंकि यह बीमारी एक बार ठीक होने पर दोबारा से शुरू हो सकती है, इसलिए चिकित्सक की सलाह लेते रहें।
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