नवलजी, बलिया (उत्तरप्रदेश)
दिनांक:09 अप्रैल 2022:
छिड़काव का कार्य पंदह और बांसडीह ब्लॉक में सम्पन्न
घर के आस-पास रखें साफ-सफाई, करें मच्छरदानी का प्रयोग
जनपद में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत संक्रामक रोग कालाजार को दूर भगाने के लिए कालाजार रोधी सिंथेटिक पायराथ्राईड का छिडकाव 10 मार्च से किया जा रहा है। जो 20 मई तक चलेगा। जिससे ग्रामीण इलाके के मिट्टी के घरों में पनपने वाली सफेद मक्खी जिसे बालू मक्खी के नाम से भी जाना जाता हैं, को खत्म किया जा सके। यह कहना है जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव का।
उन्होने बताया कि इसी क्रम में बुधवार को हमारे एवं पीसीआई संस्था के रीजनल मोबिलाइजेशन कोऑर्डिनेटर विकास द्विवेदी द्वारा कोटवा ब्लॉक के अंतर्गत मधुबनी गांव में आईआरएस छिड़काव का हाल देखा गया। इस दौरान करमानपुर गांव में कालाजार के मरीजों से भी मिले।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जनपद में जनवरी 2021 से अब तक कालाजार के 29 रोगी पाए गये । जिसमें 13 वीएल (बुखार वाला कालाजार के) और 16 पीकेडीएल (चमड़े वाला कालाजार) के मरीज हैं। कालाजार एक जानलेवा रोग है जो कि बालू मक्खी के काटने से फैलता है और अक्सर यह ग्रामीण क्षेत्रों में मकान की दरारों में पायी जाती है| इससे बचाव के लिए घर के आसपास साफ़-सफाई का ध्यान रखकर एवं मच्छरदानी का प्रयोग कर इस रोग से बचा जा सकता है।
उन्होने बताया कि किसी व्यक्ति को 15 दिन से अधिक बुखार आना, भूख नहीं लगना, रोगी में खून की कमी, लोगों का वजन घटना, रोगी की त्वचा का रंग काला होना आदि कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वहीं इसका सबसे मुख्य लक्षण त्वचा पर धब्बा बनना है| यदि किसी व्यक्ति में उपयुक्त लक्षण पाया गया हो तो तत्काल अपने नजदीक के प्रा०स्वा० केन्द्र पर जांच करायें तथा जिला चिकित्सालय पर इसका इलाज नि:शुल्क किया जा रहा है। छिडकाव का कार्य पंदह और बांसडीह ब्लॉक में सम्पन्न हो चुका है। वर्तमान में जनपद के 6 ब्लॉकों में छिड़काव का कार्य किया जा रहा है।यह ब्लॉक हैं – मुरली छपरा, कोटवा,मनियर, सोनवानी/बेलहरी, नरही/सोहाव तथा चिलकहर।
उन्होंने बताया कि यह बीमारी एक बार ठीक होने से लापरवाही न करें क्योंकि यह बीमारी एक बार ठीक होने पर दोबारा से शुरू हो सकती है इसलिए चिकित्सक की सलाह के साथ जुनून के साथ इसका इलाज करें।