नवलजी, बलिया (उत्तरप्रदेश)
06 जून 2023:
विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने और प्रकृति सरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने पर जोर दिया गया।
सीएमओ डॉ०जयन्त कुमार ने कहा कि धरती को इंसान के रहने योग्य बनाने के लिए प्रकृति व पर्यावरण को सुरक्षित रखना चाहिए। पर्यावरण और धरती जीवन जीने के लिए सबसे जरूरी स्रोत उपलब्ध कराते हैं। जैसे सांस लेने के लिए हवा और पेट भरने के लिए भोजन पानी। प्रकृति, स्वच्छ वातावरण देती है जिसको स्थिर रखना जरूरी है। प्रकृति और पर्यावरण ब्रह्मांड को सुचारू तौर पर चलाने का काम करता है। यह जीने के लिए बहुत कुछ देती है लेकिन इंसान बदले में प्रकृति का दोहन करता है और पर्यावरण को प्रदूषित करता है। इससे प्रकृति को नुकसान होता है और जनजीवन खतरे में पड़ जाता है।
हमारा कर्तव्य है कि ग्लोबल वार्मिंग, मरीन पॉल्यूशन के बढ़ते खतरे और बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करें, जिससे पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके। इसी कर्तव्य के प्रति लोगों को सचेत करने के लिए प्रतिवर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस साल दिवस की थीम है Beat Plastic Pollution. यह थीम प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान पर आधारित है। इस विषय को इसलिए चुना गया है ताकि प्लास्टिक का इस्तेमाल करने वाले लोगों को इसके वैकल्पिक तरीकों के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ० आनन्द कुमार ने कहा कि इस वर्ष पर्यावरण दिवस 2023 की थीम ‘प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान’ निकालना है। प्लास्टिक या पॉलीथिन का इस्तेमाल प्रकृति को बहुत नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में प्लास्टिक या पॉलीथिन के उपयोग को बंद करने का संकल्प लें। इसके बजाय पेपर बैग या कपड़े के बैग का उपयोग करें। इस पर्यावरण दिवस पर खुद पॉलीथिन के उपयोग से बचने और दूसरों को भी प्रोत्साहित करने का संकल्प लें। कार्यशाला के अंत में सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने शपथ ली।
इस कार्यशाला में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ०आनन्द कुमार, जिला प्रशासनिक अधिकारी योगेश पाण्डेय, जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ० जिया उल हुदा, स्वास्थ विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे।
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