रेनुकूट वन प्रभाग के म्योरपुर रेंज में मनबसा व गोविंदपुर कर जंगल मे काटे गए पेड़
पर्यावरण प्रेमियों ने कहा वन कर्मियों व रेंजर के मिलभगत से काटे गए है पेड़
काटे गए पेड़ की कीमत 20 लाख बताई जा रही
उपेन्द्रकुमार तिवारी, दुद्धी, सोनभद्र (उत्तरप्रदेश)
14 मार्च, 2023:
दुद्धी/ सोनभद्र| रेनुकूट वन प्रभाग के म्योरपुर वन रेंज के सतगढ़िया व अंधरी मोड़ के जंगल मे लबे रोड होली से पहले एक दर्जन खैर के परिपक्व पेड़ काट दिए गए| खैर के 35 सेमी से 40 सेमी व्यास के पेड़ जंगलों में काटे जाने से पर्यावरण कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है|पर्यावरण कार्यकर्ता केवला दुबे , रमेश ,जमुना ,दीपक ,पीके शर्मा आदि ने कहा कि यह सब जंगल के दुश्मन बने वन कर्मियों व म्योरपुर रेंजर की मिलीभगत से काटे गए है क्योंकि इतने भारी पैमाने पर कटान बिना इनके मिलीभगत संभव नही है | जंगल में तस्करों के द्वारा करवाये जा रहे लगातर अवैध कटान से उनमें रोष व्याप्त है| उन्होंने कहा कि रेनुकूट वन प्रभाग का खैर अब लाल चंदन बन चुका है जिसे वीरप्पन बने तस्करों की नजर इस पर बराबर बनी हुई है और वे लगातार इसकी कटान करवा रहे है बाद में मिलीभगत कर जलौनी व अन्य छूट प्रजाति के पेड़ों की निकासी परमिट के आड़ में महानगरों व पंजाब भेज रहे है |उधर रक्षक बना वन विभाग कटान की दूसरी तरफ गश्त कर लकीर पीट रहा है और जंगलों के प्रति झूठी सजगता दिखा रहा है |जब मामले का खुलासा होता है तो मामले में तश्करो व संलिप्त वनकर्मियों पर कार्रवाई ना कर नए ठूठों पर कालिख पुतवाने और जेसीबी से नष्ट करवाने में जुट जाता है |पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने सतगढ़िया व अंधरी मोड़ के लबे रोड कड़े खैर की एक दर्जन पेड़ो की कीमत बीस लाख रुपये आंकते हुए इसकी भरपाई जिम्मेदारों से करवाये जाने की मांग की है | कहा कि अगर इसकी भरपाई नही की गई तो वे पीसीसीएफ को पत्र लिखेंगे| इस मामले में डीएफओ स्वतंत्र श्रीवास्तव ने कहा कि अभी मैं देख करके बताता हूं|
पंजाब के कत्था के कारखानों में 10 हजार रुपये प्रति कुंतल नकद हो रही खरीद
दुद्धी| रेनुकूट वन प्रभाग का खैर का जंगल का इसलिए सफाया हो रहा है क्योंकि इस प्रजाति का पेड़ तश्करो का मोटी कमाई का जरिया बना हुआ है ,तश्कर इसकी एक ट्रक लकड़ी बेच कर 5 -7 लाख रुपये कमा रहे है | जानकारों की माने तो पंजाब में खैर की लकड़ी 10 हजार रुपये प्रति कुंतल की दर से खरीदी जा रही है और इसका भुकतान भी तश्करो को नकद मिल रहा है इस कारण वे पूरे लगन से खैर की कटान करवा रहे हैं|
रेनुकूट वन प्रभाग के विभिन्न खैर के जंगलों में भी तश्करो की नजर
दुद्धी| पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने बताया कि रेनुकूट वन प्रभाग के बराईदाड़,गड़िया, जाम पानी, आरंगपानी,आश्रम मोड़ ,रनटोला ,किरवानी, डडीहरा, सरडीहा ,कर्री, मकरा व हाथीनाला के खैर के जंगल तश्करो के निशाने पर है |यहां के जंगलों में हुए खैर की कटान की जाँच करने की मांग मुख्य वन संरक्षक से उठाई है जिसके लिए मंडलीय टीम गठित हो|और हुए अवैध कटान की भरपाई हो|
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