नवलजी, बलिया (उत्तरप्रदेश)
दिनांक: ३० जनवरी २०२२:
बलिया देर रात हैदराबाद से बलिया आयी स्वरूपा के दोनों पुत्र एक दूजे से मिलकर भावुक हो उठे और मां की गोद मे सर रख कर खूब रोये। स्वरूपा दिल्ली यात्रा के दौरान 22 जनवरी से लापता हो गए थी और पति सदन्की देवेंद्र अभी भी लापता है। बलिया प्रशासन की अनदेखी और युवा समाजसेवक सागर सिंह राहुल के प्रयास से देर रात अवरूपा अपने बच्चों से मिली और स्वरूपा का अपना परिवार मिल गया है। लगभग एक हफ्ता बाद स्वरूपा अपनों के बीच थी। यह सब सम्भव हो सका युवा समाजसेवी व पीड़ितो के दर्द की ‘राहत’ के रूप में सेवा करने वाले सागर सिंह राहुल एवं उनकी टीम के प्रयास से। सागर सिंह राहुल के मुताबिक, 24 जनवरी की रात्रि 11 बजे उन्हें सूचना मिली कि एक महिला शास्त्री नगर में मदहोश हालत में पड़ी है।
महिला को तत्काल गुड्डू वर्मा, मदन जी वर्मा व अमित कुमार के साथ उन्होंने जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया। मदहोश हालत में होने व अलग भाषा होने की वजह से नाम व पता बताने में महिला असमर्थ थी। उपचार के दौरान हालात में कुछ सुधार हुआ तो उसने अपना नाम पता बताया इसमें सबसे अहम भूमिका महिला अस्पताल सेवा दे रही नर्स और हर कर्मचारी का रहा जो एक परिवार के सदस्य की तरह देख भाल कर एक नया जीवन दिया, फिर उनके परिवार से संपर्क किया गया। इनके दो पुत्र व एक भाई आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद से ट्रेन से 29 जनवरी को बलिया पहुंचें और स्वरूपा से लिपटकर रो पड़े। इस भावुक पल को देख वहां मौजूद हर शख्स की आंखों का कोर भींग गया। स्वरूपा ने स्वयं मीडिया के कैमरे पर अपना नाम और शहर बताया लेकिन घटना क्या हुआ कुछ याद नही, मां से बड़े बेटे ने अपनी आप बीती बतायी लेकिन ब्रेन ट्यूमर के मरीज पिता के नही मिलने से चिंतित है कहा पुलिस में कम्प्लेन किया है। हालांकि इस मामले में सागर सिंह बलिया पुलिस कार्य शैली पर पर कई सवाल खड़े किए वही महिला के साथ हुए घटना पर कहा सायद इन्हें कोई नशीली पदार्थ खिलाया गया होगा जिससे ये न केवल अपने पति से सफर में बिछड़ी है बल्कि इनका मानसिक सन्तुलन भी पूरी तरह से खराब हो चुका था जो अब उपचार के बाद अच्छा है।