नवलजी, बलिया(उत्तर प्रदेश)
दिनांक:०६ जनवरी २०२२:
- टीबी के लक्षण नजर आने पर जाँच और इलाज जरुर करायें
- चिकित्सक की सलाह पर नियमित रूप से करते रहें दवा का सेवन
क्षय रोग विभाग ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत चलाए जा रहे। ‘आईकानिक वीक ऑफ़ हेल्थ’ कार्यक्रम के अंतर्गत आरके मिशन स्कूल सागरपाली में छात्र-छात्राओं को क्षय रोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ.एके स्वर्णकार ने छात्र-छात्राओं को बताया, कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं।
ऐसे में अगर खांसी का मरीज आता है, तो उसके सभी लक्षणों की गहनता से पड़ताल होनी चाहिए और संभावित टीबी मरीज दिखे तो टीबी जांच अवश्य करवाई जानी चाहिए।
इन परिस्थितियों में भी टीबी जांच आवश्यक:-
उप जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि अगर कोई कोविड मरीज ठीक हो जाता है और उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है, फिर भी खांसी नहीं रूक रही है। तो उसकी टीबी जांच अवश्य कराई जानी चाहिए। कोविड के लक्षण वाले व्यक्ति की जांच कराने पर अगर रिपोर्ट निगेटिव है, तब भी टीबी की जांच अवश्य करवा लें। टीबी की ट्रूनेट विधि से जांच की सुविधा जिला क्षय रोग केंद्र के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सियर में भी उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि आईकानिक वीक ऑफ़ हेल्थ नौ जनवरी तक मनाया जायेगा। इस दौरान विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाएँगी। छह जनवरी को स्कूल, कालेज मदरसा, एनसीसी और एनएसएस के छात्रों को जागरूक किया जाएगा, 7 और 8 जनवरी को धर्मगुरुओं के साथ और 9 जनवरी को जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक होगी। नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम से जन-सामान्य को क्षय रोग के प्रति जागरूक किया जायेगा, जिससे इस रोग पर काबू पाया जा सके।
क्षय रोग विभाग के जिला कार्यक्रम समन्वयक आशीष सिंह ने बताया कि जिले में इस समय 3047 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है, जिसमें से 121 एमडीआर टीबी के रोगी हैं। जनवरी 2021 से अब तक कुल 3909 टीबी रोगी नोटिफाई किये जा चुके हैं। वर्ष 2018 से अब तक टीबी रोगियों को निःक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रति माह के हिसाब से दो करोड़ रूपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है।