● विस्थापितों को बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव
● कनहर विस्थापितों पर विधायक मौन क्यों
● विस्थापितों की मदद करें नागरिक समाज
उपेन्द्रकुमार तिवारी, दुद्धी, सोनभद्र (उत्तरप्रदेश)
05 अगस्त 2023:
दुद्धी|कनहर के विस्थापितों को संविधान प्रदत गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिए मिलने वाली बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित किया जा रहा है। उन्हें शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा, उनके लिए बना अस्पताल बंद पड़ा हुआ है, बच्चों के लिए चल रहे विद्यालय में पर्याप्त अध्यापक नहीं है, विस्थापित कॉलोनी में नालियां गंदगी से पटी हुई है। मुआवजा न मिलने से झोपड़ियों में रहने के लिए लोग मजबूर हैं और बरसात में उनके आवास गिर जा रहे हैं। इतनी बुरी स्थिति में भी दुद्धी विधायक को उनकी सुध लेने की फुर्सत नहीं है। विधायक विस्थापितों के सवाल पर मौन धारण किए हुए हैं। उनसे हमारी उम्मीद है कि वह 7 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में कनहर विस्थापितों के सवालों को उठाएंगे और उनकी समस्याओं को हल करायेंगे। यह बातें कनहर विस्थापितों के बीच दौरा करने के बाद दुद्धी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर ने कहीं।
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उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की डबल इंजन की सरकार है। लेकिन एक वर्ष से कनहर के निर्माण का 1050 करोड़ रुपए लंबित है। परिणाम स्वरूप विस्थापितों को मुआवजा नहीं मिल रहा है और डूबने के बाद वह दर दर की ठोकर खाने के लिए मजबूर है साथ ही बांध और नहर का निर्माण कार्य रुका हुआ है। सरकार द्वारा दी गई मूल सूची के करीब दो सौ लोगों को मुआवजा नहीं दिया गया इसके अलावा सर्वे के बाद बढ़ाए गए लगभग 400 लोगों को भी मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया। यही नहीं जिन विस्थापितों की लड़कियां थी उन्हें भी विस्थापित सूची में सम्मिलित नहीं किया गया और जिनके मकान बने थे और पुराने सर्वे में छूट गए थे वह भी मुआवजे से वंचित हैं।
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इन सवालों को बार-बार उत्तर प्रदेश की सरकार के संज्ञान में लाया गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। खुद मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा था कि कनहर विस्थापितों पर लगे मुकदमे वापस लिए जाएंगे और जो निर्दोष लोग हैं उन्हें दंडित नहीं किया जाएगा बावजूद इसके बुजुर्ग लोगों को भी मुकदमे में डाला गया और जेल भेजने की तैयारी की जा रही है। यह पूरी कार्रवाई लोकतंत्र के लिए अशुभ है।
उन्होंने कहा शरीर के एक अंग में भी अगर पीड़ा होती है तो पूरे शरीर को नुकसान होता है। इसी तरह सोनभद्र जनपद के 11 गांव के विस्थापित आज पीड़ा में है और यह पीड़ा जनपद के हर नागरिक की है। इसलिए नागरिक समाज को कनहर विस्थापितों की मांगों का समर्थन करना चाहिए और सरकार से कहना चाहिए कि वह इनके सवालों को हल करें।शीघ्र ही कनहर विस्थापितों के सवाल पर जिलाधिकारी से मिला जाएगा और जरूरत पड़ी तो माननीय हाईकोर्ट में भी दखल दी जाएगी। पत्रकार वार्ता में पूर्व प्रधान इस्लामुद्दीन, बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष प्रभु सिंह एडवोकेट, मजदूर किसान मंच के जिला अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद गोंड, युवा मंच की संयोजक सविता गोंड, आईपीएफ के जिला प्रवक्ता मंगरू प्रसाद श्याम, आईपीएफ के तहसील संयोजक शिवप्रसाद गोंड, इंद्र देव खरवार आदि लोग रहे।
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