● फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल के प्रति किया जागरूक
● सहयोगी संस्थाओं ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
नवलजी, बलिया (उत्तरप्रदेश)
04 अगस्त 2023:
जनपद में बुधवार को दुबहड़ ब्लॉक के अंतर्गत फुलवरिया ग्राम के शिव मंदिर परिसर में जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग ने कैम्प आयोजित कर 49 फाइलेरिया रोगियों को फाइलेरिया प्रभावित अंगो की रुग्णता प्रबंधन का प्रशिक्षण देने के साथ ही उन्हें एमएमडीपी किट भी प्रदान की। इस कार्यक्रम में सहयोगी संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
प्रशिक्षण में जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने ने कहा कि फाइलेरिया मच्छर जनित रोग है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसे लिम्फोडिमा (हाथी पांव) भी कहा जाता है। यह न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देता है बल्कि इस वजह से मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आस-पास व अंदर साफ – सफाई रखें, पानी जमा न होने दें और समय-समय पर रुके हुए पानी में कीटनाशक, जला हुआ मोबिल आयल, डीजल का छिड़काव करते रहें।
एमएमडीपी किट के प्रयोग करने का तरीका – एमएमडीपी किट में हाथ धोने का साबुन, टब, बाल्टी, मग,तौलिया, ग्लब्स एवं आवश्यक दवा आदि शामिल हैं। इनका प्रयोग करने के लिए बाल्टी में पानी भर लेना है,टब में पैर रख कर घुटने के ऊपर से नीचे की तरफ पैर के पंजे तक मग की सहायता से पानी गिरा कर धो लें। उसके उपरांत साबुन लेकर हाथ में अच्छे से झाग बना लें ,पूरे पैर पर अच्छे से साबुन लगा के हल्के हाथों से मालिश करें, फिर पैर को अच्छे से धो कर तौलिया से सुखा लें उसके उपरांत आवश्यकता हो तो एंटीफंगल एंटीबैक्टीरियल क्रीम लगा लें जहां पर चोट हों।
उन्होंने बताया कि फाइलेरिया के मरीजों के प्रभावित अंग को अच्छी तरह से साफ रखना चाहिए, जिससे किसी प्रकार के संक्रमण से मरीज न प्रभावित हो। इसके लिए उन्हें साफ-सफाई और दवा का सेवन नियमित रूप से करना जरूरी है । उन्होंने बताया कि फाइलेरिया रोग से बचने के लिए एमडीए अभियान के दौरान दो वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को दवा का सेवन कराया जायेगा । गर्भवती व गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को यह दवा नहीं खानी है। दवा के सेवन से फाइलेरिया रोग से बचा जा सकता है।उन्होंने बताया कि वर्तमान में जनपद में फाइलेरिया लिम्फोडिमा के 4205 मरीज हैं । 4205 मरीजों में से 2436 मरीजों को एमएमडीपी किट वितरित की जा चुकी है ।
क्या कहा लाभार्थियों ने-
ब्लॉक- दुबहड़, के अंतर्गत ग्राम- शीतल दवनी निवासी गिरजा सिंह, उम्र 62 ने बताया कि आज पहली बार फाइलेरिया के लक्षण, बचाव एवं उपचार पर इतनी अच्छी जानकारी कैंप में आकर मिली। इस कैम्प के विषय में मुझे जानकारी आशा कार्यकर्ता से मिली थी। कैंप में फाइलेरिया रुग्णता प्रबंधन का अभ्यास कराया गया, हमें रोग के प्रबंधन, साफ-सफाई,पैर की धुलाई,उचित आकार के चप्पल, सैंडल पहनने, चोट लगने, कटने, जलने से बचाव के बारे में जानकारी मिली। सुबह -शाम अभ्यास करूंगी, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करूंगी। साथ ही फाइलेरिया रुग्णता प्रबंधन किट भी मिली, इस किट में अभ्यास के दौरान दिखाई गई सभी सामग्री मौजूद है।
ब्लॉक दुबहड़ के अंतर्गत ग्राम माधवपुर निवासी बुधनी देवी उम्र 60 वर्ष ने बताया कि आशा दीदी से प्राप्त सूचना पर मैं इस कैंप में उपस्थित हुई। जहां पर बहुत विस्तार से फाइलेरिया (हाथीपांव) के लक्षण, बचाव,उपचार, व्यायाम के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। किट भी पहली बार मुझे मिली है इसका प्रयोग में अच्छे से करूंगी,सुबह -शाम व्यायाम करूंगी, पैर की नियमित सफाई- धुलाई करूंगी, फाइलेरिया रोधी दवा खुद खाऊंगी एवं दूसरों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करूंगी।
इस अवसर पर वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक ताज मोहम्मद,पाथ संस्था के आरएनटीडीओ डॉ अबू कलीम, जिला समन्वयक वेद प्रकाश सिंह, ब्लॉक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक रेनू भारती, आशा संगिनी कृष्णा राय ,आशा कार्यकर्ता,आदि ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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