तय सीमांकन से हटकर वन भूमि पर खुलेआम रात्रि में अवैध उत्खनन
नदी की बीच धारा में पोकलेन से दीनदहाड़े खनन कर नदी का बिगाड़ रहे स्वरूप
उपेन्द्रकुमार तिवारी, दुद्धी, सोनभद्र (उत्तरप्रदेश)
22 फ़रवरी, 2023:
एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार का महत्वपूर्ण ड्रीम प्रोजेक्ट कनहर सिचाईं परियोजना मूर्त रूप की ओर है वही पिपराडीह व आस पास प्रतिबंधित नदी क्षेत्र में पोकलेन चलाकर रात दिन अवैध उत्खनन के कारण सिंचुरियन जोन में रहने वाले जलीय जीवजंतु, पशु- पक्षी में हाहाकार मचा है नदी में आच्छादित बालू का काश्त का पट्टा सीमांकन से हटकर बालू वनभूमि से खुलेआम उठायी गयी है जिसके साक्ष्य मौके पर मौजूद है, कतिपय दलाल किस्म के कलमकार, शासन प्रशासन का सिंडिकेट, खनन माफियाओं से मिलकर नियम कायदे कानून को ताख पर रखकर प्रतिबंधित पोकलेन से नदी की बीच धारा में घुसकर बालू का खुलेआम दिन दहाड़े उत्खनन कर रहे है ।
मौके पर मीडिया के पड़ताल में सीमांकन क्षेत्र से पूर्व प्रतिबंधितl स्थल की देर रात्रि में बालू खनन के निशान मौके पर खुलेआम देखे जा सकते है l कहने को तो कागज पर सब ठीक ठाक है मगर वास्तविकता कुछ और है खनन विभाग जबकि मुख्यमंत्री के पास है इसके बाद भी खनन माफियाओं का हौसला बुलन्द है जिसमे कई सफेदपोश भी शामिल है और सरकार की सरेआम छवि खराब करने पर आमादा है , इतना ही नही अगर 1 ट्रेक्टर बालू कोई व्यक्ति अपने मकान, या शौचालय या अपने कार्य मे लेजाता है तो जंगल विभाग, पुलिस विभाग, राजस्व विभाग, खनन विभाग भारी भरकम जुर्माना लगाने में कोई संकोच नही करते । पता नही किसके प्रभाव से इतने बड़े स्तर पर हो रहे अवैध उत्खनन पर किसी विभाग का ध्यान नही जा रहा है।
अवैध बालू कार्यो में लिप्त डंफरो व टिपरो पर नम्बर प्लेट भी नही लगा है जिससे अवैध कार्य करने वालो की मनसूबे बढ़े हुए है l सजग प्रहरी कतिपय कलमकार के मोबाइल की सीडीआर रिपोर्ट प्रशासन निकाले तो अवैध खनन का पर्दाफाश और अधिकारियों के सिंडिकेट का राज खुल सकेगा l
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