नवलजी, बलिया (उत्तरप्रदेश)
16 फ़रवरी, 2023:
देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने के उद्देश्य से जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर बुधवार को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया गया।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ आनंद कुमार ने बताया कि इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान, गुणवत्तापूर्ण इलाज और योजनाओं का लाभ दिलाना है। कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर उपकेंद्रों पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) ने ओपीडी में आने वाले कुल मरीजों में से 10 प्रतिशत लोगों की स्क्रीनिंग की गयी और टीबी की जांच के सैंपल लिए गए । उन्होंने बताया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, , बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूंख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर जांच कराएं और चिकित्सक के परामर्श पर सम्पूर्ण उपचार कराएं । निक्षय पोषण योजना के तहत क्षय रोगियों को इलाज के दौरान हर माह 500 रुपये सीधे बैंक खाते में भेजे जाते हैं।
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के जिला कार्यक्रम समन्वयक आशीष सिंह ने बताया कि जिले में इस समय 3044 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है, जिसमें से 98 एमडीआर टीबी के रोगी हैं | जनवरी 2022 से अब तक कुल 6228 टीबी रोगी नोटिफाई किये जा चुके हैं। वर्ष 2018 से अब तक निक्षय पोषण योजना में 13630 क्षय रोगियों को करीब 3.54 करोड़ रुपए का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया जा चुका है।
जिला पीपीएम कोऑर्डिनेटर विवेक सिंह ने बताया कि क्षय रोगियों को नियमित दवा का सेवन करना चाहिए । बीच में दवा छोड़ने से बीमारी गंभीर बन सकती है। चिकित्सक की सलाह से नियमित और पूरा उपचार करें। 15 दिन से ज्यादा खांसी रहने पर जांच अवश्य कराएं।
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