नवलजी, बलिया (उत्तरप्रदेश)
01 नवम्बर 2022
जनपद के सभी क्षेत्रों में छठ के महापर्व का आज समापन हो गया। छठ व्रती महिलाओ और उनके परिजनों ने इस पर्व में बढ़ चढ़ कर भाग लिया। 4 दिवसीय इस त्योहार के आखिरी दिन महिलाओं ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा को सम्पन्न किया। सूर्य को अर्घ्य देने के साथ साथ ही इस महापर्व का समापन हो गया। छठ पूजा में सूर्य भगवान और माता छठी की पूजा की जाती है। छठ पर्व में महिलाएं 36 घंटे का व्रत रखती हैं। इस पर्व को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है।
छठ का पर्व साल में दो बार आता है। छठ की शुरुआत 28 अक्टूबर को नहाय खाय के साथ हुई थी। छठ का ये पर्व संतान की सुख समृद्धि, अच्छे सौभाग्य और सुखी जीवन के लिए रखा जाता है। साथ ही यह व्रत पति की लंबी उम्र की कामना के लिए भी रखा जाता है।
ऐसी मान्यता है कि सूर्य देव की पूजा करने से तेज, आरोग्यता और आत्मविशवास की प्राप्ति होती है। दरअसल, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रह को पिता, पूर्वज, सम्मान का कारक माना जाता है। साथ ही छठी माता की अराधना से संतान और सुखी जीवन की प्राप्ति होती है। इस पर्व की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह पर्व पवित्रता का प्रतीक है। वही आज घाटों पर विधि विधान से पूजा अर्चना कर लोगो ने इस महापर्व को सेलेब्रेट किया।
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