उपेन्द्रकुमार तिवारी, दुद्धी, सोनभद्र (उत्तरप्रदेश)
11 अक्टूबर,2022:
दुद्धी, सोनभद्र। शरद पूर्णिमा के अवसर पर रविवार की रात स्थानीय टीसीडी खेल मैदान आरएसएस व उसकी अनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ताओं से गुलजार रही। मौका था शरद पूर्णिमा की रात सामूहिक खीर सहभोज का।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में स्थानीय टाउन क्लब के मैदान पर प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी शरद पूर्णिमा की रात सामूहिक खीर सहभोज का आयोजन किया गया। रात्रि 9 बजे से 12 बजे तक खीर पकवान का कार्यक्रम चला। तत्पश्चात 12 बजे से एक बजे तक उपस्थितजनों द्वारा धरती माँ की गोद में बैठकर साथ-साथ खीर का सेवन किया गया।
जिला कार्यवाह रविन्द्र जायसवाल ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस साल भी शरद पूर्णिमा का कार्यक्रम सम्पन्न कराया गया। मान्यता है कि वर्षा ऋतु में शरीर में पित्त बढ़ता है और शरद ऋतु में शरीर में यही पित्त सबसे ज्यादा होता है। खीर खाने से पित्त और इससे होने वाली बीमारियां नहीं होती हैं।
जिला समरसता प्रमुख अरुणोदय जौहरी ने कहा कि शरद पूर्णिमा पर खीर खाने का वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व के साथ आयुर्वेदिक महत्व भी है और यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है।
जिला प्रचारक योगेश जी के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की रोशनी में रखी गई खीर खाने से रोग प्रतिरोधकता और आरोग्य में वृद्धि होती है। शरद पूर्णिमा वर्षा ऋतु और शीत ऋतु के संधिकाल में पड़ती है, इसलिए इस दिन का धार्मिक के साथ चिकित्सकीय महत्व भी है। आयुर्वेद में शरद पूर्णिमा की रात में चंद्रमा की रोशनी को अमृत से समान बताया गया है।
नगर संचालक अमरनाथ जायसवाल ने बताया कि धार्मिक ग्रंथों के अनुसार चंद्रमा को मन का देवता माना गया है। शरद पूर्णिमा की रात को चांद अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होकर पृथ्वी पर अमृत की वर्षा करता है। इस दिन चांदनी रात में दूध से बने उत्पाद का चांदी के पात्र में सेवन करना चाहिए। इस अवसर पर नगर कार्यवाह कृष्णदेव अग्रहरि, दिलीप पांडेय, रंजीत सेठ, अमरनाथ जायसवाल, विष्णुकांत तिवारी, डॉ विनय, मोनू सिंह, डॉ केके चौरसिया, नीरज अग्रहरि सहित अन्य लीग उपस्थित थे।
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