जिले में सीफार संस्था द्वारा बारह पेसेंट सपोर्ट ग्रुप फाइलेरिया के मरीजों के लिए गठित
गोरख सिंह एवं अमीचंद शिव जी पेसेंट सपोर्ट ग्रुप के हैं सदस्य
नवलजी, बलिया (उत्तरप्रदेश)
21 सितंबर, 2022:
ब्लॉक पंदह के अंतर्गत जगदरा गाँव निवासी 60 वर्षीय गोरख सिंह ने बताया कि दाएं पैर में फाइलेरिया (हाथी पाँव) का संक्रमण है। यह रोग मुझे पांच साल से है। इसकी शुरुआत बुखार से हुई थी। पहले मैं अपना इलाज सरकारी अस्पताल में कराया मुझे आराम नहीं मिला। उसके बाद लोगों के कहने पर निजी चिकित्सालय में मैं अपना इलाज कराया। कोई राहत महसूस नहीं हुआ ।इसी बीच सीफार (सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च) संस्था की ओर से गठित शिवजी पेसेंट सपोर्ट समूह जगदरा से मैं जुड़ गया। तब मुझे अपने नजदीक के न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पंदह से एमएमडीपी किट मिली तथा अमृत महोत्सव मेले में मेरी जाँच हुई। इसके बाद मुझे 12 दिन की दवा दी गई। साथ ही व्यायाम बताया गया। दवा खाने के बाद मुझे आराम मिला और मेरी सूजन भी कुछ कम हुई। व्यायाम मैं दो बार रोज करता हूं इसको करने से बहुत ही लाभ हुआ एवं समय से मैं दवा भी खाता हूं। अब मैं नए मरीज को ढूंढने एवं सपोर्ट ग्रुप में जोड़ने में अपना योगदान दे रहा हूं। समूह की बैठक में मैं नियमित रूप से भाग लेता हूं तथा सारे सदस्यों के अनुभव को सुनकर अपना भी दर्द बांटता हूं। जब से मैं सपोर्ट ग्रुप से जुड़ा हूं फाइलेरिया की दवा के नाम पर मेरा एक रुपये भी खर्च नहीं हुए हैं। पहले इसी इलाज में मैं बीस हज़ार रुपए खर्च कर चुका हूं।
ब्लॉक पंदह के अंतर्गत जगदरा गाँव निवासी 65 वर्षीय अमीचंद ने बताया कि वह 20-25 साल से फाइलेरिया (हाथी पाँव) से पीड़ित हैं। इसकी शुरुआत बुखार से हुई। नगरा मेरा ससुराल है मैं वहीँ गया था तो इसकी शुरुआत हुई। निजी अस्पताल में डॉक्टर से पांच से छह साल तक इलाज कराया तब पर भी सूजन कम नहीं हुई। सूजन बढ़ती ही गयी। रह- रह कर पक भी जाता है। मवाद आने लगता है, पानी जैसा द्रव निकलता है, पूरा खुजली होता है उसके बाद दर्द भी होता है। 11-12 वर्ष पहले पोते का ऑपरेशन भी कराया था और एक कौड़ी भी निकल गई है। हमारे शरीर में खुजली होते रहता है। नहाने के समय आराम रहता है जब पानी सूख जाता है तो फिर से खुजली शुरू हो जाता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मनियर से मैं अपना जांच और इलाज कराया तब से मुझे आराम मिल रहा है। शिवजी पेसेंट सपोर्ट ग्रुप जगदरा से जुड़ने के बाद एक्सरसाइज करने की मुझे जानकारी मिली। जो मैं प्रतिदिन सुबह और शाम को करता हूं ।और इससे बहुत ही लाभ हुआ है। एवं दवा भी नियमित रूप से मुझे मिल रही है। इस सपोर्ट ग्रुप का सदस्य बनने से मैं काफी खुश हूं। और सपोर्ट ग्रुप के बारे में मैं लोगों को बताता भी हूँ। जिससे नए मरीजों का भी भला हो सके।
जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि जनपद के लिम्फोडिमा (हाथी पांव) के 1374 मरीज हैं। एवं हाइड्रोसील के 269 मरीज हैं | फाइलेरिया के मरीजों में 944 एमएमडीपी किट का वितरण किया गया है।
क्या है फाइलेरिया:-
फाइलेरिया वेक्टरजनित रोग है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने होता है। इसे लिम्फोडिमा (हाथी पांव) भी कहा जाता है। यह न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है बल्कि इससे मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। शुरूआती दिनों में डाक्टर की सलाह पर दवा का सेवन किया जाए तो इसका परजीवी नष्ट हो जाता है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा एमडीए अभियान चलाया जाता है। इसमें स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर फाइलेरिया की दवा खिलाती हैं। इसके साथ ही घर के आस-पास व अंदर साफ-सफाई रखने, पानी जमा न होने दें और समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करने के प्रति भी जागरूक किया जाता है।
#bharatmirror #bharatmirror21 #news #ballia #uttarpradesh #ahmedabad