नवलजी, बलिया (उत्तरप्रदेश), 07अगस्त 2022
दस्तक अभियान के तहत जिले में 62 टीबी के मरीज खोजे गए हैं। आशा आंगनबाड़ी व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने घर-घर अभियान चलाकर टीबी के मरीज खोजे हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. आनन्द कुमार ने बताया कि अभियान के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने 765 लोगों में टीबी की आशंका जाहिर की। टीबी के आशंका वाले मरीजों की पहचान के बाद जांच कराई गई। बलगम और एक्सरे जांच के बाद 62 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई। इन मरीजों को राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल करते हुए इलाज शुरू कर दिया गया है। यह अभियान 16 जुलाई से 31 जुलाई 2022 तक चलाया गया।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं। ऐसे में अगर खांसी का मरीज आता है तो उसके सभी लक्षणों की गहनता से पड़ताल होनी चाहिए और संभावित टीबी मरीज दिखे तो टीबी की जांच अवश्य करानी चाहिए।
टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है, लेकिन इसकी दवाओं का नियमित सेवन करना जरूरी होता है। ऐसा न करने से मल्टी ड्रग रेजिस्टेन्स (एमडीआर) टीबी होने की सम्भावना होती है। जनपद में मल्टी ड्रग रेजिस्टेन्ट (एमडीआर) टीबी के कुल 86 मरीज तथा एक्स्टेंसिवली ड्रग रेजिस्टेन्ट (एक्सडीआर) टीबी का कोई मरीज नहीं हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि टीबी की ट्रूनाट विधि से जांच की सुविधा जिला क्षय रोग केंद्र के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सियर में भी उपलब्ध है।
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्वयक आशीष सिंह ने बताया की सरकार टीबी मरीजों के पोषण के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान हर महीने 500 रुपये सीधे बैंक खाते में भेजती है।
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