उपेन्द्रकुमार तिवारी, दुद्धी, सोनभद्र (उत्तरप्रदेश)
17 जून 2022:
दुद्धी, सोनभद्र। स्थानीय टाउन क्लब मैदान पर आयोजित तीन दिवसीय राज्यस्तरीय फुटबाल टूर्नामेंट के आयोजन में जहां अव्यवस्था की स्थिति सामने आई है, वहीं टीमों की तरफ से, विजेता-उपजेता टीमों को दी जाने वाली कथित इनाम की धनराशि न दिए जाने का आरोप लगाया गया है। इसको लेकर कई महिला खिलाड़ियों की तरफ से हंगामा करते हुए खासी नाराजगी जताई गई। हालांकि आयोजन कमेटी के सचिव की तरफ से किसी धनराशि को देने के वायदे की बात से इंकार कर दिया गया है और हो रहे विरोध को कुछ लोगों के उकसावे का परिणाम बताया है।
वहीं दुद्धी नगर के लोगों ने इस कृत्य को दुद्धी के खेल जगत के लिए शर्मनाक बताया है और आगे से ऐसी स्थिति न बनने पाए, इसके लिए ख्याल रखने की बात कही है। दुद्धी स्थित टीसीडी खेल मैदान पर 13 जून से 15 जून तक तीन दिवसीय महिला फुटबाल टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था। बताते हैं कि इसमें प्रदेश के जनपदों के साथ ही, सीमावर्ती राज्यों की टीमों ने भाग लिया। रांची के लडकियों से भरी प्रयागराज के नाम वाली एक टीम ने भी इसमें हिस्सा लिया। इस टीम की खिलाड़ियों और कोच का आरोप है कि आयोजन कमेटी की तरफ से विजेता-उपजेता टीम को इनाम के रूप में एक निश्चित धनराशि देने का वायदा किया गया था लेकिन जब धनराशि के भुगतान की बारी आई तो पल्ला झाड़ लिया गया। टीम के खिलाड़ियों का कहना था कि खेलने के लिए बुलाने के बाद व्यवस्था के नाम पर भी आयोजन कमेटी के लोग भाग खड़े हुए। किसी तरह तीन-चार दिन मैनेज किया गया अब इनाम की धनराशि देने से इंकार कर दिया गया है। इसको लेकर जहां बुधवार को देर तक हंगामे की स्थिति बनी रही। वहीं बृहस्पतिवार को पूरे दिन यह मसला दुद्धी नगर के लोगों के लिए नाराजगी का सबब बना रहा। व्यापार मंडल दुद्धी सहित तमाम लोगों ने इस पर नाराजगी जताई और खेल कुंभ का दर्जा रखने वाले दुद्धी में इस तरह के कृत्य को निंदनीय बताते हुए, आगे से ऐसे किसी भी आयोजन को न होने देने की जरूरत जताई।
उधर, लगातार बढ़ते विरोध को देखते हुए, आयोजन कमेटी के सचिव की तरफ से एक वीडियो जारी किया गया जिसमें कहा गया कि उसने किसी तरह की धनराशि देने का वायदा नहीं किया था। वहीं लोगों का कहना है कि क्रिकेट, कैनवस, बैडमिंटन आदि हर टूर्नामेंटों में प्रतियोगिता की विजेता-उपविजेता टीम को निश्चित ईनामी धनराशि दी जाती है। इसके अलावा दूर-दूर से टीमें बुलाने के बाद, उनकी व्यवस्था और उनके यहां लाने और ठहरने पर होने वाला खर्च के वहन की नैतिक जिम्मेदारी तो कमेटी की बनती ही है। इससे भी इंकार करना खेल जगत को शर्मसार करना है।
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