रिपोर्ट – नवल जी, बलिया
- स्वास्थ्य विभाग पूरे जून माह में चलाएगा मलेरिया रोधी माह
- हर रविवार होगा मच्छर पर वार
- नवलजी, बलिया (उत्तरप्रदेश) 02 जून 2022
- मलेरिया के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से जिले में इस माह मलेरिया रोधी माह मनाया जा रहा है। यह कहना है जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव का।
- जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में मलेरिया से बचाव के लिए शीघ्र निदान और त्वरित उपचार पर जोर दिया जाएगा। ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति द्वारा जलजमाव वाले क्षेत्रों में छोटे गड्ढों को भर दिया जाएगा एवं गंदे एवं कूड़े के स्थानों पर कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जाएगा। आशा और एएनएम द्वारा किट से हुई जांच में धनात्मक रोगी पाए जाने पर उनका नि:शुल्क उपचार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं जिला अस्पताल पर नि:शुल्क किया जाता है। आमज़नों को घरों के आसपास साफ सफाई तथा जल भराव वाले स्थानों पर सप्ताह में एक बार जला हुआ मोबिल अवश्य डालने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
‘हर रविवार मच्छर पर वार’ कार्यक्रम प्रभावी ढंग से किया जाएगा।
मच्छर के प्रजनन वाले स्थानों, जल-जमाव, कूलर, पानी का टैंक, गमला, नारियल के खोल आदि नष्ट करने के लिए जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मलेरिया रोधी माह का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच मलेरिया के बारे में जागरूकता पैदा करना है। जनपद के समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर आशा, एएनएम एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता के द्वारा घर-घर ‘हर रविवार मच्छर पर वार’ स्लोगन का प्रचार-प्रसार कर जनमानस को जागरूक किया जाएगा। आशा एवं स्वास्थ्य कार्यकताओं द्वारा क्षेत्र में डोर-टु-डोर सर्वे का कार्य किया जा रहा है। उन्होने कहा कि कोविड संक्रमण के साथ-साथ मलेरिया या डेंगू से भी यदि ब्यक्ति प्रभवित होता है। तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।
उन्होंने बताया की मलेरिया में व्यक्ति को ज्यादा देर तक बुखार आता है और यह बुखार प्रतिदिन 3 से 4 घंटे तक रहता है। मलेरिया 10 से 12 दिन तक व्यक्ति को प्रभावित करता है। मलेरिया में तेज बुखार के साथ ठंड लगना, उल्टी, दस्त, तेज पसीना आना तथा शरीर का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ जाना, सिरदर्द, शरीर में जलन तथा मलेरिया होने के पश्चात रोगी का शरीर में कमजोरी महसूस होना आदि मलेरिया के लक्षण हैं। उन्होने बताया की जिले में जनवरी 2022 से अब तक16505 लोगो की मलेरिया जांच करायी जा चुकी है। जिसमें से एक भी मलेरिया के मरीज नहीं मिले। साथ ही मलेरिया जांच हेतु 425 आशाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। ताकि वह अपने गांव में ही संभावित रोगी की मलेरिया जांच कर सके। बाकी शेष बची आशाओं को जल्द ही प्रशिक्षित कर दिया जाएगा।
बचाव: मलेरिया के बचाव के लिए अपने आसपास व घरों में साफ-सफाई रखें, कूलर के पानी की सप्ताह में एक बार सफाई करना, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनना, घर में मौजूद पुराने बर्तनों, टायरों एवं खाली गमलों इत्यादि में पानी जमा न होने देना, मच्छरदानी का उपयोग करना। मच्छरों से बचने के लिए पूरा प्रबंध करना चाहिए।
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