उपेन्द्रकुमार तिवारी, दुद्धी (उत्तरप्रदेश)
दिनांक: ०८ फ़रवरी २०२२:
दुद्धी में न कोई टेण्डर और न कोई शासनादेश मगर सीमेंटेट कुर्सी का आपूर्ति कर भुगतान के लिए दबाव बनाने में आपूर्तिकर्ता जुटे हैं। जबकि जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा भुगतान पर रोक की बताई जा रही हैं। गांवों में सेटिंग्स के तहत आपूर्तिकर्ताओं ने जगह जगह कुर्सी लगवा दी। जिसके एवज में मनमानी धन आहरित करने की योजना चलने लगी।बताया तो यहाँ तक गया कि कई गांवों में 40 से 50 सेट तक कुर्सी लगा दी गई। और एक – एक कुर्सी का लगभग 10 से 12 हजार रुपये तक भुगतान भी कर दिए गए।
जबकि मानक के अनुसार इस सीमेंटेट कुर्सी का कही भी कोई रेट तय नहीं दिखाई दे रही हैं।ऐसे में कुछ लोगों के विरोध के बाद जिला प्रशासन ने इस पर संज्ञान लेते हुए इसके भुगतान पर रोक लगा दी है।
लोगों का आरोप है कि पंचायत विभाग के अधिकारियों से सेटिंग्स करके आपूर्तिकर्ताओं ने प्रत्येक गांवों में लाखों रुपए की कुर्सी गिरवाकर चट्टी चौराहों को छोड़कर व्यक्तिगत रूप से घरों के पास या वीरान जगहों पर लगवा दिया गया जहाँ उसका कोई उपयोग नही है। कई गांवों में लगी कुर्सी तो 4 – 6 महीने में ही टूट गई है।जिस तरह से गांवों में सीमेंटेट कुर्सी लगा कर सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा उससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी पैसे का गांव में किस तरह उपयोग किया जा रहा है। हालांकि अधिकारियों के रोक के बाद अब आपूर्तिकर्ता ग्राम विकास/पंचायत अधिकारियों तथा ग्राम प्रधान से मिलीभगत करके भुगतान के फिराक में जुट गए हैं और ग्राम पंचायतों से डोंगल लगाने का दबाव बना रहे हैं। नाम न छापने के शर्त पर कई ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों ने बताया कि सीमेंटेट कुर्सी की भुगतान पर रोक लगा दी गई है फिर भी कई आपूर्तिकर्ता भुगतान के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से दबाव बना रहे हैं।