नवलजी, बलिया (उत्तर प्रदेश)
दिनांक: २० जनवरी २०२२:
- नए प्रोजेक्ट के नाम पर पुराने सीवरेज सिस्टम को लटकाए रखना चाहती है सरकार।
बलिया अपने ड्रीम प्रोजेक्ट शहर के सीवरेज सिस्टम में बदलाव पर पूर्व मंत्री नारदराय बिफर पड़े। गुरूवार को अपने आवास पर प्रेस कान्फ्रेंस कर के भाजपा सरकार पर जमकर बरसे। कहा कि जांच के नाम पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को पूरा न कर शहर के लोगों के साथ धोखा किया जा रहा है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि पिछले कई दिनों से जिले के एक मंत्री द्वारा शहर के सीवरेज सिस्टम को लेकर बयानबाजी की जा रही है। इससे मैं दुखी हूं। पिछले दिनों मीडिया के माध्यम से जानकारी हुई कि गंगा एक्शन प्लान के जिम्मेदार लोगों ने गंगा में प्रदूषित पानी जाने के नाम पर ट्रीटमेंट प्लांट को रुकवा दिया। और रिवाइज्ड एस्टीमेट भेज दिया। जबकि यह मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसके लिए मैंने बहुत पसीना बहाया है। कहा कि मैंने मुलायम सिंह यादव की सपा सरकार में तत्कालीन नगर विकास मंत्री आजम खान से सीवरेज सिस्टम के लिए 95 करोड़ रुपये स्वीकृत कराया था। तब पूरे शहर के लिए दो फेज में सीवरेज सिस्टम लगाने की परियोजना बनी थी। रेलवे लाइन के दोनों तरफ दो चरणों में कार्य होना था। पहले चरण का काम चल ही रहा था कि हमारी सरकार चली गई। अगले पांच साल में बसपा सरकार के दौरान सीवरेज का कोई कार्य नहीं हुआ। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जो अमृतपाली में जमीन चिन्हित की गई थी, बसपा सरकार में उसे वापस कर दिया गया। 2012 में हमारी सरकार आई तो मैं इस प्रोजेक्ट पर पूरी ताकत से लग गया। 2015 में छोड़हर के पास ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जमीन उपलब्ध हो गई। अखिलेश यादव की सरकार में 19.6 एमएलडी क्षमता के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए लगभग 25 करोड़ रुपये दिया गया था। फिर हमारी सरकार चली गई तो बेदुआ से छोड़हर के लिए जो काम चल रहा था, वह काम भाजपा के मौजूदा जनप्रतिनिधियों के इशारे पर रुक गया। वर्तमान जनप्रतिनिधियों ने जांच के नाम पर इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को रोकवा दिया। श्री राय ने कहा कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए स्वीकृत इस 25 करोड़ में से नमामि गंगे के नाम पर 11 करोड़ रुपये घरों से निकलने वाले मल-जल को मेन होल तक ले जाने के मद में स्थानांतरित कर दिया गया। जबकि बीस प्रतिशत भी घरों से मेन होल तक कनेक्शन नहीं हुआ है। साथ ही कमीशन लेकर चार करोड़ रुपए सिक्युरिटी मनी ठेकेदार को दे दी गई। इस प्रकार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए स्वीकृत 25 करोड़ में से पंद्रह करोड़ रुपए की बर्बादी कर दी गई। कहा कि अब पुराने प्रोजेक्ट के स्थान पर 204 करोड़ के नए प्रोजेक्ट लाकर वर्तमान सरकार के प्रतिनिधि शहर के विकास को बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं। कहा कि भाजपा सरकार में शहर के सीवरेज का विनाश कर दिया गया। कहा जा रहा है कि सीवरेज का पानी गंगा में जा रहा है। जबकि जब प्रोजेक्ट अधूरा है तो गंगा में पानी जाने का सवाल ही नहीं है। ये जरूर है कि ड्रेनेज का पानी गंगा में जाता है। प्रदेश के अन्य शहरों में भी ड्रेनेज का पानी गंगा में जाता है। जिस संसदीय क्षेत्र से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद हैं, वहां भी सात एसटीपी बनाए गए हैं। अच्छा होता कि गंगा एक्शन प्लान के अधिकारी हमारे यहां गंगा में गन्दा पानी न जाये इसके लिए ट्रीटमेंट प्लांट बनवाते। हमारे सीवरेज को रुकवा देना शहर ही नहीं, जिले भर के लिए आघात है। कहा जा रहा है कि शहर के दक्षिण दिशा में रिंगरोड के नीचे सीवरेज बनेगा। यह सफ़ेद झूठ है। मैं नगर विकास का मंत्री रहा हूं, मैं जानता हूं कि फ्लड एरिया में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं बनता। मैं अधूरा ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की मांग भारत सरकार से करता हूं। इस अवसर पर चन्द्रशेखर उपाध्याय, प्रेमशंकर चतुर्वेदी व राजकुमार पाण्डेय आदि थे।