नवलजी, बलिया(उत्तर प्रदेश)
दिनांक:30 दिसम्बर २०२१
बलिया GST काउंसिल की 45वीं बैठक में भट्ठों में निर्मित लाल ईंटों पर कर दर में बिना आईटीसी क्लेम किए 01% से बढ़ाकर 06% तथा आईटीसी क्लेम करने पर कर दर 05 % से बढ़कर 12% किए जाने का प्रस्ताव 01 अप्रैल, 2022 से पारित किया गया है। भट्ठे की ईंटों पर दो प्रकार के अव्यवहारिक एवं अनुचित कर दर वृद्धि प्रस्ताव को वापस लिए जाने के औचित्य पर हमारा कथन निम्न प्रकार है।
सरकार भली प्रकार अवगत है कि ईंट भट्ठा एक ग्रामीण कुटीर सीजनल प्रकृति का उद्योग है। विगत दो वर्ष से कोरोना महामारी के कारण जहां एक ओर ईंट व्यवसाय पूरी तरह चौपट और घाटे में हैं, वहीं दूसरी ओर जनसाधारण का भी काम-काज बुरी तरह प्रभावित होने के कारण वित्तीय स्थिति खराब है। ऐसे हालात में जनसाधारण के निर्माण की मूलभूत आवश्यकता ईंटों पर कर दर बढ़ो का प्रस्ताव जनविरोधी है। मैन्युफैक्चरर्स सेक्टर के 40 लाख तक सालाना टर्नओवर व्यवसाय GST में कर मुक्त है। जबकि काउंसिल की 45वीं बैठक में ईंट निर्माताओं के लिये 20 लाख रुपये सालाना टर्नओवर तक करमुक्त का प्रस्ताव किया गया है। जो कि ईंट भट्ठा व्यापारियों के साथ घोर अन्याय है।ईंट निर्माताओं के लिये जीएसटी में वर्तमान में 1.50 करोड़ टर्नओवर तक कम्पोजीशन सीमा है (बिना आईटीसी क्लेम के) जिसमें 01 प्रतिशत की कर दर है। काउंसिल की 45वीं बैठक में बिना आईटीसी लिए कर दर 06 प्रतिशत किए जाने का प्रस्ताव है तथा सामान्य रूप से (आईटीसी क्लेम करने पर) इंटों पर कर द 05 प्रतिशत है, जिसे 12 प्रतिशत किए जाने का प्रस्ताव है। इस प्रकार 600 व 240 प्रतिशत की कर दर वृद्धि प्रस्ताव निश्चय ही अव्यवहारिक, अनुचित एव उद्योग व जनहित के विरूद्ध हैं। इसका सीधा प्रभाव ईंटों की कीमतों पर पड़ेगा।
90 प्रतिशत व्यापारी वाणिज्यकर समाधान योजना/जीएसटी कम्पोजीशन स्कीम के अंतर्गत ईंटों पर ग्राहक से कर वसूल नहीं किया जाता रहा है, व्यापारी कर अपने पास से जमा करता है।जनसामान्य को आवास सुलभ कराने की प्रधानमंत्री आवास योजना में “आपका सपना, सन् 2022 में सभी का घरहो अपना लागत में वृद्धि होने से सपना ही रह जायेगा। मान्यवर, सर्वविदित है कि वर्तमान में मिट्टी की दीवाल बनाकर आवास बनाना बन्द हो चुका है और निर्माण के लिए भट्ठे में निर्मित लाल ईंटों का दसरा विकल्प जनसाधारण के लिए उपलब्ध नहीं है। तात्पर्य है कि ईंटें विकास के साथ-साथ मानव जीवन की मूलभूत जीवनोपयोगी आवश्यकता है। इसलिए ईंटों पर इस प्रकार बिना सोच-विचार के अनुचित, अव्यवहारिक एवं मनमानी कर दर वृद्धि प्रस्ताव गलत एवं अन्यायपूर्ण है।
अतः उपरोक्त व्यवहारिक तथ्यों को ध्यान में रखते हुए पूरे भारतवर्ष में लगभग 03करोड़ बेरोजगार भूमिहीन निर्बल वर्ग के श्रमिकों को रोजगार देने वाले भट्ठा उद्योग तथा आम जनहित में ईंटों पर कर दर में वृद्धि प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुये आगामी 02 सीजन वर्ष के लिये ईंट बिक्री को जीएसटी में कर मुक्त घोषित करे जिस को लेकर प्रदिप कुमार अध्यक्ष, अनिल कुमार सिंहV महामंत्री, शिव वचन वर्मा, शिव कुमार गुप्ता,जे पी सिंह, सुरेश सिंह, मनोज सिंह, पिंटू सिंह, अवधेश राय आदि लोग रहे मौजूद।