●सीफार संस्था के सहयोग से फाइलेरिया मरीजों के लिए गठित पेशेंट सपोर्ट ग्रुप नेटवर्क के सदस्यों ने दिव्यांगों के समर्थन में राजपुर ग्राम वासियों को फाइलेरिया के प्रति किया जागरूक
नवलजी, बलिया (उत्तरप्रदेश)
06 दिसंबर 2022:
दिव्यांगों के लिए समर्पित अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर ब्लॉक बेरूआरबारी के राजपुर के ग्रामीणों को जागरूक किया गया। इस मौके पर फाइलेरिया के मरीजों के लिए गठित काशी बाबा पेशेंट सपोर्ट ग्रुप नेटवर्क, ब्रह्म बाबा पेशेंट सपोर्ट ग्रुप नेटवर्क एवं जय मां वैष्णो देवी पेशेंट सपोर्ट ग्रुप नेटवर्क के सदस्यों ने बैठक कर दिव्यांगों के समर्थन में एकजुटता प्रदर्शित की। इस वर्ष इस दिवस की थीम है “समावेशी विकास हेतु परिवर्तनकारी समाधान” रखी गयी है। इसके जरिए अन्वेषण के उपयोग की ओर से दिव्यांगजनों के जीवन को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
बैठक में ब्रह्म बाबा पेशेंट सपोर्ट ग्रुप नेटवर्क के सदस्य राजेंद्र साहनी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस का उद्देश्य दिव्यांगजनों को समाज में समुचित एवं बराबरी का अधिकार प्रदान करना है। इसके माध्यम से नागरिकों को दिव्यांगजनों के अधिकारों एवं उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए सहभागिता को प्रोत्साहित किया जाता है। दिव्यांगजनों के अक्षमता के मुद्दे पर नागरिकों का ध्यान खींचने एवं इनके द्वारा प्रतिदिन के जीवन में सहन की जा रही कठिनाईयों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए भी विश्व विकलांग दिवस महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही इस दिवस के माध्यम से दिव्यांगजनों की असाधारण क्षमता की ओर भी लोगों का ध्यान आकर्षित किया जाता है।
जय मां वैष्णो देवी पेशेंट सपोर्ट ग्रुप नेटवर्क की सदस्य मीरा देवी ने कहा कि विश्व विकलांग दिवस के अवसर पर हम सभी का नैतिक एवं मानवीय दायित्व बनता है कि अपने आसपास रह रहे सभी दिव्यांग लोगों की सहायता करें एवं उनके साथ उचित एवं गरिमापूर्ण व्यवहार प्रदर्शित करें। साथ ही दिव्यांगजनों के अधिकारों को सुरक्षित करने के साथ उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए भी सभी नागरिकों का सहयोग अपेक्षित होता है। इस दिवस का आयोजन विश्व में दिव्यांगजनों की अधिकारों की सुरक्षा एवं सभी नागरिकों को दिव्यांजनों के साथ उचित एवं सम्मानपूर्वक व्यवहार प्रोत्साहित करने के लिए किया जाता है। काशी बाबा पेशेंट सपोर्ट ग्रुप नेटवर्क के सदस्य शिव शंकर बिन्द ने कहा कि एमएमडीपी किट सिर्फ प्रबंधन के लिये होती है। एमडीए अभियान के तहत सभी को फाइलेरिया होने से बचाने के लिये दवा का सेवन साल में एक बार सभी को करना चाहिये ।सिर्फ दो साल से कम के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को छोड़ कर। दवा के सेवन से फाइलेरिया रोग से बचा जा सकता है। साथ ही फाइलेरिया के मरीजों को प्रभावित अंग को अच्छी तरह से साफ-सफाई कर रखना चाहिए।
जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि फाइलेरिया वेक्टर जनित रोग है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसे लिम्फोडिमा (हाथी पांव) भी कहा जाता है। यह न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है बल्कि इससे मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। फाइलेरिया मरीज दिव्यांग ना हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सीफार संस्था के सहयोग से एमएमडीपी कैंप आयोजित किया जाता है। जिसमें फाइलेरिया रोगियों को हाथी पाँव प्रबंधन, रुग्णता प्रबंधन, व्यायाम इत्यादि के बारे में जागरूक किया जाता है। जिले में अभी तक 1145 एमएमडीपी किट फाइलेरिया के मरीजों में वितरित किया जा चुका है ।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि शुरूआती दिनों में डॉक्टर की सलाह पर फाइलेरिया की दवा का सेवन किया जाए तो इसका परजीवी नष्ट हो जाता है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा एमडीए अभियान चलाया जाता है। इसमें स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर फाइलेरिया की दवा खिलाती हैं। इसके साथ ही घर के आस-पास व अंदर साफ-सफाई रखें,पानी जमा न होने दें और समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करें। इस बैठक में सीफार संस्था के एलएफ़ टीम के जिला समन्वयक आशीष पाण्डेय एवं ब्लॉक कोऑर्डिनेटर शिव शंकर उपस्थित रहे।
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