वर्तमान में दो ब्लॉकों में हो रहा है छिड़काव
-पन्द्रह दिन से अधिक बुख़ार, हो सकता है कालाजार
नवलजी, बलिया (उत्तरप्रदेश)
17 नवम्बर 2022:
कालाजार एक जानलेवा रोग है जो बालू मक्खी के काटने से फैलता है और अक्सर यह ग्रामीण क्षेत्रों में मकान की दरारों में पायी जाती है। इससे बचाव के लिए घर के आसपास साफ़-सफाई का ध्यान रखकर एवं मच्छरदानी का प्रयोग कर इस रोग से बचा जा सकता है। यह कहना है जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव का।
डीएमओ ने बताया कि जनपद के 11 ब्लॉक कालाजार से प्रभावित हैं जिसमें कालाजार रोधी सिंथेटिक पायराथ्राईड का छिड़काव किया जाना है। छिड़काव का कार्य 6 सितंबर से हो रहा है। वर्तमान में दो ब्लॉकों में आईआरएस का छिड़काव किया जा रहा है। यह ब्लॉक हैं क्रमशः बेलहरी, दुबहड़। आठ ब्लॉकों हनुमानगंज, बांसडीह ,रेवती, चिलकहर, मुरलीछपरा, मनियर, सोहाव, कोटवा में आईआरएस का छिड़काव हो चुका है। इस छिड़काव की मदद से ग्रामीण इलाके के मिट्टी के घरों में पनपने वाली सफेद मक्खी जिसे बालू मक्खी के नाम से भी जाना जाता है, को खत्म किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि जनपद में जनवरी 2022 से अब तक कालाजार के 13 रोगी पाए गये । जिसमें चार वीएल ( बुखार वाला कालाजार के) और नौ पीकेडीएल (चमड़े वाला कालाजार) के मरीज हैं। किसी व्यक्ति को 15 दिन से अधिक बुखार आना, भूंख नहीं लगना, खून की कमी, वजन घटना, त्वचा का रंग काला होना आदि कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। इसका सबसे मुख्य लक्षण त्वचा पर धब्बा बनना है। यदि किसी व्यक्ति में यह लक्षण पाएँ जाएँ हो तो तत्काल अपने नजदीक के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला चिकित्सालय पर निःशुल्क जांच कराकर पूरा इलाज कराएं। यह बीमारी एक बार ठीक होने पर लापरवाही न करें क्योंकि यह बीमारी एक बार ठीक होने पर दोबारा से शुरू हो सकती है। इसलिए चिकित्सक की सलाह बेहद जरूरी है।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि प्राय:देखा जाता है कि आईआरएस छिड़काव का कार्य अधिकतर लोग पूजा घरों और रसोई घरों में नहीं कराते हैं। जिससे कि बालू मक्खी की बचे रहने की संभावना बनी रहती है उन्होंने स्लोगन के द्वारा बताया कि “कोई कमरा छूटा, सुरक्षा चक्र टूटा “उन्होंने जनपदवासियों से अपील की कि आईआरएस का छिड़काव पूजा घर रसोईघर के साथ ही सभी कमरों की सभी दीवारों पर छह फीट की ऊंचाई तक अवश्य करवाएं।
रोकथाम –
• अपने घर को साफ रखें। दीवार एवं आसपास के कोनों की नियमित और पूरी सफाई आवश्यक है।
• घर में प्रकाश आना चाहिए।
• रोगी एवं स्वस्थ व्यक्ति की कड़ी (बालू मक्खी) को नष्ट करने के लिए छिड़काव जमीन से छह फीट की ऊंचाई तक कराएं तथा तीन महीने तक घरों में में किसी प्रकार की सफेदी और पुताई न कराएं।
• कमरे के जमीन से दीवार की कुछ ऊंचाई तक पक्की दीवार की चुनाई कराएं।
क्या कहाँ लाभर्थियों ने:-
1- ब्लॉक-मुरली छपरा,निवासी ठेकहाँ, महेश बिन्द ने बताया की जब मुझे बुखार हुआ तो मैं जिला अस्पताल बलिया में प्राथमिक जाँच और इलाज कराया।तो मुझे पता चला क़ी मुझे कालाजार हुआ है।आई आर एस का छिड़काव प्रभावित ब्लॉकों में हर 6 माह पर होता है।यह छिड़काव कराने से ही कालाजार रोग के वाहक बालू मक्खी से हम सुरक्षित हो सकते हैं।
2-ब्लॉक मुरली छपरा, निवासी ठेकहा, पुनीता यादव ने बताया की लगातार बुखार आने के बाद मैं जब अपना जांच बलिया जिला अस्पताल मे करायी तो मुझे पता चला कि मैं कालाजार रोग से प्रभावित हूं। हमारे गाँव तथा घर आई आर एस का छिड़काव अभी हाल ही मे हुआ है। यह छिड़काव कराना बहुत जरूरी है जिससे कालाजार रोग से हम मुक्ति पा सके।
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