उपेन्द्रकुमार तिवारी, दुद्धी, सोनभद्र (उत्तरप्रदेश)
18 नवम्बर 2022:
दुद्धी, सोनभद्र कोतवाली क्षेत्र के मझौली गांव में स्थित राम नगीना फार्मेसी कालेज में वृहस्पतिवार को अध्ययनरत छात्र-छात्राओं द्वारा जमकर हंगामा किया गया। बीते तीन साल से ठगे जा रहे अध्ययनरत विद्यार्थियों के धैर्य का बांध उस वक्त टूट पड़ा, जब उन्हें पता चला कि जैसे-तैसे चल रहे शिक्षण कार्य को अंजाम देने वाले पांच शिक्षकों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है।
इसके विरोध में विद्यार्थी जब लामबंद होना शुरू किये, तो वहां मौजूद कुछ गुर्गों ने बच्चो की मोबाइल छिनने के साथ उनसे हाथापाई तक पर उतारू हो गये। इससे भड़के छात्र-छात्राओं ने हंगामा मचाते हुए दुद्धी-रेणुकूट मार्ग जाम कर सड़क पर उतर गये। मौके पर पहुंचे एसडीएम शैलेंद्र मिश्रा ने किसी तरह आक्रोशित बच्चो को शांत करते हुए उनसे लिखित रूप में शिकायत करने की बात कही।
राम नगीना फार्मेसी कालेज में अध्ययनरत विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि तीन वर्ष पूर्व खुले इस कालेज में समस्त फेकेल्टी की क्लास चलाने के नाम पर उनसे फ़ीस के रूप में मोटी रकम वसूली जाती है। किन्तु कालेज के कई ऐसे विभाग है, जिनका तीसरे वर्ष भी कक्षाएं शुरू नहीं हो पाई। जो शिक्षक जैसे-तैसे अध्यापन कार्य को अंजाम दे रहे है, उनका भी हद दर्जे तक शोषण किया जा रहा है। जिससे वे टिक नही पा रहे है। तीन दिन पूर्व मामूली बात को लेकर कालेज प्रबन्धन द्वारा एक महिला शिक्षिका को नौकरी से निकाल दिया गया। इसको लेकर बुधवार को पांच शिक्षिको ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सामूहिक रूप से इस्तीफा सौप दिया।प्रबन्धन एवं शिक्षिको के बीच चल रही रस्साकसी की जानकारी गुरूवार को कालेज खुलने के साथ विद्यार्थियों को हुई, तो वे इस मामले में एचओडी से सवाल जबाव करने लगे।
कैमरे के सामने एचओडी बच्चो के सामने विवशता व्यक्त करने लगे, तो वहां मौजूद प्रबंधक से जुड़े लोग बच्चो का मोबाइल छिनने के साथ हाथापाई पर उतारू हो गये। बहरहाल धक्का-मुक्की कर बच्चो को गेट के बाहर जाने के लिए कहा जाने लगा। इस पर भड़के छात्र-छात्राओं ने सड़क जाम कर धरने पर बैठ गये| अभी यह सब चल ही रहा था कि पिपरी आवास से दुद्धी तहसील मुख्यालय जा रहे एसडीएम शैलेन्द्र मिश्रा का वाहन जाम में फंस गया। तत्काल वाहन से उतर कर बच्चो के बीच पहुंचे एसडीएम ने उनकी समस्या को सुनी। इसके बाद उन्हें समझाते हुए लिखित रूप में शिकायत करने की सलाह देते हुए समस्या निस्तारण के लिए न सिर्फ आश्वासन दिया, बल्कि शुक्रवार को स्वयं कालेज का निरीक्षण कर वहां की समस्या से रूबरू होने की बात कही। वही हंगामे के दौरान मौके से प्रबंधक व प्रधानाचार्य नदारद रहे। बच्चो का कहना था कि उनकी समस्या तक से नही सुनी जाती है। जिम्मेदार लोग अक्सर गायब रहते है।शिक्षण का स्तर पर भी दोयम दर्जे का है। बच्चो के आरोप की माने तो बीते साल पुरे वर्ष शिक्षण कार्य नही हुआ था। परीक्षा के वक्त स्कूल प्रबन्धन द्वारा ही पेपर लीक करके किसी तरह परीक्षा दिलाई गई थी। इसके एवज में छात्र-छात्राओं से 10 हजार प्रति अवैध वसूली भी की गई थी। अटेंडेंट, प्रयोगात्मक परीक्षा, मुख्य परीक्षा आदि में 5 हजार से 10 हजार तक की वसूली की जाती है। जो स्टूडेंट्स पैसे देते हैं उनको अलग कमरे में बिठाकर परीक्षा दिलाया जाता है।
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